पुलिस मोबाइल को कैसे ट्रैक करती है आसान भाषा में जानिए 2021

पुलिस मोबाइल को कैसे ट्रैक करती है: हेलो दोस्तों आज के टाइम पर आप सभी लोग जानते हैं कि टेक्नोलॉजी कितनी आगे जा चुकी है आप लोग आपको मोबाइल से ही ट्रैक कर लेते हैं कि आप किस जगह पर हो और आसानी से आप को पकड़ा जा सकता है तो अगर आप भी जानना चाहते हैं कि पुलिस मोबाइल को कैसे ट्रैक करती है तो यहां हम आपको यही बताने वाले हैं।

अगर आप खुद भी किसी भी आदमी को ट्रैक करना चाहते हैं तो वह भी आप आसानी से कर सकते हैं लेकिन उसके लिए कुछ चीजों की जरूरत होती है उसके बाद आप अपने मोबाइल या फिर लैपटॉप से किसी को भी ट्रैक कर सकते हैं कि वह किस जगह पर खड़ा हुआ है और वह कहां कहां पर घूम रहा है।

आज के टाइम पर वैसे भी गूगल प्ले स्टोर में बहुत सारे नकली एप्लीकेशन आगे जो कि दावा करते हैं कि वह आपको किसी भी मोबाइल की लोकेशन सिर्फ नंबर के माध्यम से बता सकते हैं लेकिन जब भी आप वहां पर कोई भी नंबर को डालते तो वहां पर आपको सही लोकेशन नहीं मिल पाते हैं वह ऐप्स सिर्फ टाइमपास के लिए ही बनाए गए हैं क्योंकि अगर बिल्कुल सही लोकेशन आपको वह एप्प नंबर के द्वारा देने लगे तो उसका गलत उपयोग भी हो सकता है।

पुलिस मोबाइल को कैसे ट्रैक करती है

पुलिस मोबाइल को कैसे ट्रैक करती है – All Methods 2021

आप सभी लोगों ने फिल्मों में बहुत-बहुत देखोगे कि पुलिस किसी भी मोबाइल को ट्रैक करती है तो वह टावर के माध्यम से पता करती है कि फोन टावर से कितनी दूरी पर है तो उसी प्रकार से यहां पर यह लोग काम करते हैं।आपको बता दें पुलिस जिस तरह से मोबाइल को ट्रैक करती है उसे ट्रायंगुलेशन मेथड कहते हैं।

अब इसके बारे में आप लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होगी तो मैं आपको बता दूं जब भी आपका मोबाइल ऑन होता है तो वह सबसे पहले किसी न किसी टावर से कनेक्ट होता है तो जैसे ही आपका फोन किसी भी टावर से कनेक्ट होता है तो उनके पास पता चल जाता है कि आप किस टावर से कनेक्ट हुए फिर वह आपकी दूरी का भी पता कर लेते हैं कि आप टावर से कितनी दूरी पर है और आपकी लोकेशन पता चल जाती है।

अब आप सभी लोगों के मन में सवाल आ रहा होगा कि पुलिस के पास बिल्कुल सही लोकेशन कैसे मिलती है तो मैं आपको बता दूं जब भी किसी मोबाइल को ट्रैक किया जाता है। 3 टावर को देखा जाता है कि टावर से मोबाइल कितनी दूरी पर है फिर जब तीनो टावर से के जो भी पॉइंट मिलता है उनको मिलाया जाता है और वही मोबाइल की बिलकुल सही लोकेशन होती है।

IMEI नंबर से मोबाइल को कैसे ट्रैक करते हैं

आप सभी लोग जानते हैं जबकि किसी का मोबाइल चोरी हो जाता है या फिर खो जाता है तो आप पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने के लिए जाते हैं तो वहां पर आपसे आईएमईआई नंबर मांगा जाता है उसके बाद ही आप की रिपोर्ट लिखी जाती है तो आखिर इससे कैसे नंबर को ढूंढा जाता है और यह नंबर क्या होता है , इसका फुल फॉर्म क्या है इसके बारे में अब हम यहां पर जाने वाले हैं।

IMEI का फुल फॉर्म Full-Form International Mobile Equipment Identity होता है। जब भी किसी भी डिवाइस को बनाया जाता है तो वहां पर एक यूनिक नंबर दिया जाता है जिससे उस मोबाइल की पहचान करी जा सके तो इसी से पुलिस भी मोबाइल को ट्रैक करती है अगर आप किसी का मोबाइल चोरी कर लेते हैं और उसकी सिम को निकालने के बाद आप अपनी सिम को डालेंगे तब भी पुलिस आईएमईआई नंबर के जरिए आपको आसानी से पकड़ सकती हैं।

तो अब हम आपको बताते हैं कि पुलिस किस तरीके से काम करती है जब किसी का भी मोबाइल चोरी हो जाता है और उसमें कोई दूसरे सिम को डालकर चलाता है तो उसकी खबर पुलिस के पास पहुंच जाती है अगर उसने f.i.r. कर आई होती है फिर जैसा कि ऊपर हमने आपको बताया कि टावर की मदद से वह पता कर लेते हैं कि मोबाइल किस जगह पर है और वह वहां पर पहुंचकर आसानी से चोर को पकड़ सकते हैं।

मोबाइल कब ट्रैक नहीं हो सकता है

अगर आपके पास किसी का भी मोबाइल है और वह स्विच ऑफ है तो उसके बाद कोई भी उस मोबाइल की लोकेशन को ट्रैक नहीं कर सकता है। चाहे पुलिस भी उस मोबाइल की तलाश क्यों ना कर रही हो पर उनको भी यह मोबाइल कभी नहीं मिल सकता है अगर मोबाइल और होता है उसको आसानी से पकड़ सकती है।

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Conclusion

तो आज यहां पर आप सभी लोगों ने जाना के पुलिस मोबाइल को कैसे ट्रैक करती है मैंने यहां पर काफी आसान भाषा में आप सभी लोगों को बताया है जिससे आपको सारी चीज समझ में आ सके यहां पर जो भी तरीके पुलिस और जो करती है उन सभी तरीकों के बारे में यहां पर हमने बात की है अगर आपके किसी भी दोस्त को यह जानकारी चाहिए हो कि पुलिस किस तरह से चोरी करे हुए मोबाइल को पकड़ती है तो आप उसको यह आर्टिकल शेयर कर सकते हैं।

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