Chand Dharti Se Kitna Dur Hai

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चांद सौरमंडल का पांचवा सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। चांद को चंद्रमा, चंद्र, चंदा आदि नामों से भी बुलाया जाता है। चंद्रमा उपग्रह के अलावा सौरमंडल में शनि ग्रह के टाइटन और ईओ उपग्रह चंद्रमा से विशाल हैं और बृहस्पति का उपग्रह कलिस्टो भी चंद्रमा से आकार में बड़ा है। चंद्रमा को जीवाश्म उपग्रह भी कहा जाता है।

आईये इस लेख ‘चांद पृथ्वी से कितना दूर है‘ में जानते हैं चन्द्रमा के कुछ तथ्यों के बारे में।

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Dharti Se Chand Kitna Dur Hai: Photo by Alexandro David

चंद्रमा कैसे बना है?

चंद्रमा उपग्रह करीब 4.5 करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी और थीया ग्रह के आपसी टक्कर से जो मलबा इकट्ठा हुआ उसके अवशेषों से बना है। यह अवशेष पहले तो धरती के चारों ओर चक्कर लगाते रहे और इसके बाद एक जगह इकट्ठा होकर चांद का आकार ले लिए।

अपोलो के अंतरिक्ष यात्री के द्वारा लाए गए अवशेषों से पता चलता है कि चांद और धरती की आयु में कोई फर्क नहीं है और चंद्रमा के अवशेषों में ज्यादातर टाइटेनियम की मात्रा पाई जाती है। नासा के एलएडीईई प्रोजेक्ट के मुताबिक चांद हिलियम नियॉन और आर्गन गैस से बना हुआ है।

चाँद धरती से कितना दूर है?

यदि हम बात करें कि Chand Dharti Se Kitne Kilometer Dur Hai? तो इसका सीधा जवाब होगा कि चांद धरती से 3,84,365 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

चांद क्या है?

चंद्रमा सौरमंडल का पांचवा सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। चंद्रमा की सतह खुरदरी है और यहां पर वायु का दाब बेहद कम है इसीलिए चंद्रमा को वायुमंडलविहीन उपग्रह कहा जाता है।

चंद्रमा का वातावरण कैसा है

चंद्रमा का वातावरण एकदम शांत है लेकिन यहां के वातावरण में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्यास्त और सूर्योदय के समय चंद्रमा पर दूर का गुब्बारा नजर आता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यहां की धूल काफी चिपचिपी है और इस वजह से वैज्ञानिकों के उपकरण खराब हो जाते हैं।

इसके अलावा यदि कोई चंद्रमा पर जाता है तो वह इस धूल का शिकार जरूर होगा और यह धूल तुरंत उसके कपड़ों पर चिपक जाएगी और इस धूल से निकल पाना काफी मुश्किल है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रमा पर धूल का गुबार अणुओं के इलेक्ट्रिकली चार्ज होने के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा चंद्रमा के धूल के पीछे के भाग को शांतिसागर कहते हैं जो काफी अंधकारमय है।

चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा कितने दिन में पूरी करता है?

चांद धरती से इतना दूर है कि चंद्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में 27 दिन और 8 घंटे का समय लेता है। इसी वजह से ज्यादातर समय चंद्रमा का आधा भाग भी दिखाई देता है। अब आप समझ सकते हैं कि Chand Hamari Dharti Se Kitna Dur Hai?

इसके अलावा चांद पर गुरुत्वाकर्षण बल भी कम है इसी वजह से चांद पर पहुंचते ही मनुष्य का वजन 16.5 प्रतिशत कम हो जाता है। चांद पर करीब 1.62 M/S²  गुरुत्वाकर्षण बल मौजूद है और इसी वजह से वह पृथ्वी के समुद्र में ज्वारभाटा उत्पन्न करता है।

Chand धरती से पूरा कब दिखाई देता है?

Chand Dharti Se Kitna Dur Hai: चांद धरती से पूर्णिमा के दिन दिखाई देता है। पूर्णिमा से तात्पर्य पूर्ण आकार में होना है अर्थात पूर्णिमा के दिन चांद अपने पूरे आकार में आकाश में नजर आता है। ‌

इस दिन चांद का आकार बहुत बड़ा और सुंदर दिखाई देता है और चांद की रोशनी बेहद ही चमकीली होती है। पूर्णिमा के दिन चांद बेहद ही सफेद रंग में दिखाई देता है।

धरती से चांद का केवल 57% भाग ही दिखाई देता है लेकिन चांद से जब धरती को देखा जाता है तो वह पूर्णिमा के चांद से लगभग 45 गुना ज्यादा चमकीला और नीला दिखाई देता है।

इस तरह यदि चांद की खूबसूरती और पृथ्वी की खूबसूरती में अंतर किया जाए तो वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी की खूबसूरती पूर्णिमा के चांद से ज्यादा है।

चांद पर विपरीत होता है ग्रहण

वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि धरती पर चंद्र ग्रहण लगा हुआ है तो चंद्रमा पर सूर्य ग्रहण लगा हुआ होगा और इसी तरह यदि धरती पर चंद्र ग्रहण लगा हुआ है तो चांद पर सूर्य ग्रहण लगा हुआ होगा।

चंद्रमा के पर्यायवाची

चंद्रमा के काफी सारे पर्यायवाची है जिनमें निम्नलिखित शब्द शामिल है-:

  • चांद
  • चंद्र
  • हिमांशु
  • सुधांशु
  • राकापति
  • शशि
  • सारंग
  • निशाकर
  • निशापति
  • कलाधर
  • रजनीपति
  • मयंक
  • तारापति
  • सोम
  • हिमकर
  • शुभ्रांशु
  • शीतांशु
  • कुमुद
  • सुधाकर
  • सुधाधर
  • राकेश
  • मृगांक
  • कालनिधि
  • इंदु
  • विधु
  • शशांक
  • शशधर
  • कोमुदिपति
  • अंशुमाली
  • नक्षत्रनाथ
  • नक्षत्रेष
  • द्विज
  • अमृतरश्मि
  • अमृतांशु
  • उडुपति
  • उडुराज
  • उदधिसुत
  • ओषधीश
  • कुमुदिनीपति
  • तारकेश
  • सारंग
  • विभाकर
  •  क्षपाकर
  • क्षपानाथ
  • ग्रहराज
  • छायांक
  • तमोहर
  • तारकेश्वर
  • ताराधीश
  • तारानाथ
  • इंदु
  • चंदा
  • अत्रिज
  • अमीकर
  • अब्धिज
  • निशाकांत
  • महताब
  • तुषाररश्मि
  • माहताब
  • मृगलांछन
  • शशि
  • सिंधुजन्म
  • सुधारश्मि
  • हरिणांंक
  • हिमकर
  • श्वेताश्व
  • शीतांशु
  • सितांशु
  • औषधिपति
  • कुमुदबंधु
  • तुषारांशु
  • दधिसुत
  • दोषाकर
  • निशार्माण
  • रजनीश
  • रोहिणीपति

चंद्रमा किसका कारक है- (Dharti Se Chand Ki Duri Kitni Hai)

चंद्रमा मन का कारक होता है। ग्रहों में चंद्रमा को स्त्री का स्वरूप माना गया है। भगवान शिव को चंद्रमा का देवता कहा जाता है क्योंकि भगवान शिव ने चंद्रमा को मस्तक पर धारण किया हुआ है। चंद्रमा हमारे मन के पक्ष को मजबूत करता है।

चंद्रमा को स्त्री का स्थान प्राप्त है इसलिए इसे माता का दर्जा भी दिया गया है और जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा उच्च स्थान पर होता है उसे अपनी माता से बेहद प्यार मिलता है।

जिस की कुंडली में चंद्रमा उच्च स्थान पर होता है उसके मन में सकारात्मक विचार हमेशा उत्पन्न रहते हैं जिससे वह जीवन में नई सफलताओं को प्राप्त करता है। जिस व्यक्ति की कुंडली का स्वामी चंद्रमा होता है उनकी काल्पनिक शक्ति बड़ी ही तीव्र और श्रेष्ठ होती है।

इसी तरह यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति नीचे स्थान पर है तो उसके मन में बुरे ख्याल आते हैं और मन में बुरे विचार आने से कई बार व्यक्ति गलत फैसले लेता है जिस वजह से उसे कई बार जीवन में कठिन परिस्थितियों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

चंद्रमा की कुंडली में नीचे स्थान पर होने पर मानसिक समस्याएं बढ़ जाती है जिस वजह से व्यक्ति हर वक्त परेशान रहता है। हालांकि भगवान शिव को चंद्रमा का देवता माना गया है इसीलिए भगवान शिव की आराधना करने और भगवान शिव का मंत्र पढ़ने से चंद्रमा की स्थिति को कुंडली में ठीक किया जा सकता है जिससे जीवन में समस्याओं के समाधान प्राप्त होंगे और जीवन सुखमय रहेगा।

दोस्तों, यह था हमारा आज का लेख Chand Dharti Se Kitna Dur Hai. यह लेख आपको कैसा लगा हमें ज़रूर बताएं।

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